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जवाहर इंटर कॉलेज, बुकलाना (बुलंदशहर): ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षा का मजबूत स्तंभ

बुलंदशहर जिले के स्याना ब्लॉक के अंतर्गत स्थित बुकलाना गांव में स्थित ‘जवाहर इंटर कॉलेज’ शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम है। यह विद्यालय वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है और उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए तैयार कर रहा है।

विद्यालय की स्थापना और मान्यता

जवाहर इंटर कॉलेज की स्थापना सन् 1961 में हाई स्कूल स्तर पर की गई थी, और 1969 में इसे इंटरमीडिएट स्तर तक बढ़ा दिया गया। यह एक सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय है जो उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) से मान्यता प्राप्त है। विद्यालय वर्तमान में कक्षा 6 से 12वीं तक की शिक्षा प्रदान करता है।

छात्र संख्या और शिक्षक

इस विद्यालय में लगभग 1,100 से अधिक छात्र पढ़ते हैं। कक्षा 6 से लेकर इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई कराने के लिए लगभग 17 शिक्षकों की एक अनुभवी टीम कार्यरत है। शिक्षकगण छात्रों के सर्वांगीण विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

शैक्षणिक संकाय और पाठ्यक्रम

विद्यालय में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट स्तर पर हिंदी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य, कृषि और व्यावसायिक शिक्षा से संबंधित विषयों की पढ़ाई होती है। यहां छात्रों को उत्तर प्रदेश बोर्ड के मानक पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन कराया जाता है।

आधारभूत सुविधाएं

विद्यालय में कुल 24 कक्ष हैं, जिनमें पढ़ाई होती है। साथ ही शुद्ध पेयजल, बालक/बालिका शौचालय, हाथ धोने की सुविधा, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब (11+ कंप्यूटर), और इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सुरक्षा की दृष्टि से परिसर में CCTV कैमरे भी लगाए गए हैं। बिजली बैकअप के लिए जनरेटर की सुविधा है और डिजिटल शिक्षा की ओर बढ़ते हुए विद्यालय में एलईडी टीवी और डीटीएच कनेक्शन भी लगाए गए हैं।

अनुशासन और वातावरण

विद्यालय का माहौल अनुशासित, सकारात्मक और प्रेरणादायक है। यहां के शिक्षक न केवल शिक्षण में बल्कि नैतिक मूल्यों और चरित्र निर्माण में भी छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं।

जवाहर इंटर कॉलेज, बुकलाना न केवल बुलंदशहर जिले बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण शिक्षा तंत्र का एक मज़बूत स्तंभ है। यह विद्यालय सीमित संसाधनों में भी छात्रों को एक बेहतर भविष्य के लिए तैयार कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार के संस्थानों का सशक्तिकरण आज की आवश्यकता है, ताकि हर गांव का बच्चा शिक्षा के उजाले से लाभान्वित हो सके।

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