RBI MPC Meeting आज: ब्याज दरें स्थिर, महंगाई नियंत्रण पर फोकस

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अक्टूबर 2025 बैठक में देश की आर्थिक स्थिति का व्यापक मूल्यांकन किया गया। इस बैठक में रेपो रेट को 5.50% पर स्थिर रखने का निर्णय लिया गया और MPC ने अपना नीतिगत रुख तटस्थ (Neutral) बनाए रखा। यह बैठक तीन दिन (29 सितंबर से 1 अक्टूबर) तक चली और इसका उद्देश्य महंगाई और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन बनाए रखना था।
महंगाई और आर्थिक परिदृश्य
RBI MPC Meeting के दौरान केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया कि महंगाई अभी भी चुनौती बनी हुई है। सितंबर 2025 में खुदरा महंगाई दर में मामूली कमी आई, लेकिन खाद्य और ऊर्जा क्षेत्र में उतार-चढ़ाव जारी है। MPC ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.7% रखा है।
साथ ही, आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7% पर बनाए रखा गया। बैंक का मानना है कि निवेश गतिविधियों, सेवा क्षेत्र और विनिर्माण में सुधार अर्थव्यवस्था को स्थिर गति से आगे बढ़ा रहे हैं।
रेपो रेट स्थिर रखने का निर्णय
RBI MPC Meeting ने कहा कि मौजूदा स्तर पर रेपो रेट आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति नियंत्रण के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद कर रहा है। ब्याज दरों में बदलाव करने से पहले महंगाई पर और ठोस सुधार देखना जरूरी था। स्थिर दर से वित्तीय बाजार और आम उपभोक्ता दोनों को राहत मिलती है।
आम जनता और बाजार पर असर
- गृह ऋण और वाहन ऋण: ब्याज दरें स्थिर रहने से होम लोन और कार लोन की किस्तों में तत्काल कोई बदलाव नहीं होगा।
- एफडी और सेविंग्स: फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज में कोई खास बदलाव नहीं दिखेगा।
- निवेशक और शेयर बाजार: MPC द्वारा दर स्थिर रखने के निर्णय से शेयर बाजार में स्थिरता बनी रह सकती है।
आगे की राह
RBI MPC Meeting के अनुसार आगे के निर्णय महंगाई के आंकड़ों और वैश्विक आर्थिक हालात पर निर्भर करेंगे। यदि खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में राहत आती है, तो भविष्य में दरों में कटौती की संभावना बन सकती है।