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शीर्ष विश्वविद्यालयों ने शुरू की AI-Based Admission Counselling: DU और JNU में Easy होगी प्रक्रिया

देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों जैसे Delhi University (DU) और Jawaharlal Nehru University (JNU) ने AI-Based Admission Counselling की दिशा में एक नई पहल की है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए इन संस्थानों ने Artificial Intelligence (AI) टूल्स के माध्यम से छात्रों को Career Guidance देने का पायलट ट्रायल शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य है छात्रों को उनकी रुचियों, स्किल्स और संभावनाओं के आधार पर सटीक पाठ्यक्रम और करियर विकल्प सुझाना।
क्यों जरूरी है AI-Based Admission Counselling?
हर साल लाखों छात्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट, CUET, और अन्य प्रवेश परीक्षाओं में भाग लेते हैं, लेकिन बहुत से छात्र कोर्स चयन और करियर प्लानिंग को लेकर भ्रमित रहते हैं। पारंपरिक काउंसलिंग समय लेने वाली और सीमित संसाधनों वाली होती है।
AI Tools इन समस्याओं को हल करने के लिए विकसित किए गए हैं जो:
- छात्रों की अकादमिक परफॉर्मेंस,
- इंटरेस्ट एरिया,
- कौशल परीक्षण, और
- भविष्य के करियर रुझानों को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत सलाह (Personalized Guidance) प्रदान करते हैं।
DU और JNU में क्या हुआ है नया?
- Delhi University ने अपने कुछ कॉलेजों में AI-Enabled Chatbots और Online Assessment Tools की मदद से छात्रों को Stream Selection और Subject Combination को लेकर गाइड करना शुरू किया है।
- JNU ने करियर सलाह के लिए एक AI-based Recommendation Engine का ट्रायल शुरू किया है, जो छात्रों से प्रश्न पूछकर उनके लिए Most Suitable Programs की सूची तैयार करता है।
- दोनों संस्थानों ने कहा है कि यदि पायलट सफल होता है तो इसे 2025 से पूर्ण रूप से लागू किया जा सकता है।
AI-Based Admission Counselling कैसे करता है काम?
- छात्र एक पोर्टल या एप्लिकेशन पर लॉगिन करता है
- उसे एक Career Aptitude Test या Interest Survey दिया जाता है
- AI छात्र के उत्तरों और पूर्व रिकॉर्ड्स का विश्लेषण करता है
- छात्र को सुझाव दिया जाता है कि वह कौन सा कोर्स, स्किल, या करियर विकल्प चुने
यह प्रक्रिया तेज, व्यक्तिगत और डेटा-संचालित होती है, जो छात्रों को आत्मविश्वास और स्पष्टता देती है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप कदम
NEP 2020 भी स्कूल और उच्च शिक्षा स्तर पर Technology Integration और Career Guidance को बढ़ावा देने की बात करता है। यह AI आधारित काउंसलिंग उसी दिशा में एक प्रयोगात्मक और उपयोगी कदम है।
AI-Based Admission Counselling भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक और आवश्यक परिवर्तन है। इससे न केवल छात्रों को अपने करियर का सही मार्ग चुनने में मदद मिलेगी, बल्कि विश्वविद्यालयों को भी योग्य और उपयुक्त छात्रों को पहचानने में सहूलियत होगी।
यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो जल्द ही देश के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों में ऐसी Smart Counselling Systems देखने को मिल सकती हैं।
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