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भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई ब्लेड-रहित Wind Turbine: कम शोर, अधिक बिजली उत्पादन

भारत में वैज्ञानिकों ने पारंपरिक पंखों वाली पवन टरबाइनों का एक अभिनव विकल्प तैयार किया है — ब्लेड-रहित पवन टरबाइन, जो हवा के बहाव से पैदा होने वाले वॉर्टेक्स कंपन (Vortex-Induced Vibrations) की मदद से बिजली उत्पन्न करती है। इस तकनीक में घूमते ब्लेड की जगह खड़े हुए बेलनाकार स्तंभ (vertical cylinders) होते हैं जो हवा के संपर्क में आकर झूलते हैं और इस गति को बिजली में बदला जाता है।

प्रोटोटाइप की खासियत:

शोध में पाया गया कि केवल 80 सेंटीमीटर ऊँचाई और 65 सेंटीमीटर व्यास वाले एक ब्लेड-रहित टरबाइन से 460 वॉट तक बिजली उत्पन्न की जा सकती है। यह वर्तमान BWT (Bladeless Wind Turbine) मॉडल्स की तुलना में चार गुना अधिक उत्पादन है।

यह तकनीक क्यों है खास:

कम शोर करती है, जिससे शहरी क्षेत्रों में भी आसानी से लगाई जा सकती है।पक्षियों और वन्यजीवों के लिए सुरक्षित है।आकार में छोटा होने के कारण घरों और भवनों की छतों पर आसानी से लगाया जा सकता है।रख-रखाव आसान है और दीर्घकालिक टिकाऊ ऊर्जा समाधान प्रदान करती है।

भारत की ऊर्जा क्रांति की ओर एक कदम

यह खोज भारत को हरित ऊर्जा (Green Energy) की दिशा में और मजबूत बनाएगी। यह तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए कारगर साबित हो सकती है जहां बड़े पवन टरबाइन लगाना संभव नहीं है।

पवन टरबाइन न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी दक्ष साबित हो रही हैं। भारत जैसे देश के लिए जहां ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है, यह नवाचार आत्मनिर्भर और स्वच्छ भविष्य की ओर एक बड़ा कदम है।

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