- Educational Reforms / शैक्षिक सुधार
- Vocational Training / व्यावसायिक प्रशिक्षण
- युवाओं के लिए अवसर (Opportunities for Youth)
- शिक्षा और प्रशिक्षण (Education & Training)
महाराष्ट्र के आईटीआई अब विश्वस्तरीय स्किल सेंटर बनेंगे

मुंबई, 7 अगस्त 2025 – रोजगार कौशल को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अब निजी कंपनियों के सहयोग से विश्वस्तरीय प्रशिक्षण केंद्रों में बदला जाएगा। जिंदल स्टील, टोयोटा इंडिया और महिंद्रा एंड महिंद्रा समेत 25 प्रमुख कंपनियों ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत आईटीआई को अपग्रेड करने का समर्थन दिया है।
आईटीआई में उद्योगों के साथ मिलकर कौशल विकास
इस पहल का मकसद उद्योगों की जरूरतों और युवाओं के कौशल के बीच की खाई को पाटना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, सोलर पैनल इंस्टालेशन और अन्य नवीन तकनीकों पर नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। साथ ही, मुफ्त लघुकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों से अधिक से अधिक युवाओं को फायदा मिलेगा।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “उद्योग जगत के साथ मिलकर हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि महाराष्ट्र के युवाओं को वैश्विक स्तर का प्रशिक्षण मिले। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि राज्य कौशल विकास में अग्रणी बनेगा।”
नए कोर्स और शिक्षकों का प्रशिक्षण
संशोधित पाठ्यक्रम उद्योगों की मांग के अनुरूप होंगे, जबकि शिक्षकों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साझेदार कंपनियां अपनी विशेषज्ञता, आधुनिक उपकरण और नौकरी प्लेसमेंट सहायता भी देंगी, जिससे प्रशिक्षण के बाद सीधे रोजगार मिल सके।
आईटीआई में रोजगार और नवाचार को बढ़ावा
महाराष्ट्र एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र होने के नाते, इस पहल से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कुशल कार्यबल तैयार होगा। AI और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे कोर्स नौकरी बाजार में बढ़ती मांग को दर्शाते हैं।
टोयोटा इंडिया के एक प्रतिनिधि ने कहा, “यह साझेदारी छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान और उद्योग-प्रासंगिक कौशल से लैस करेगी। हम नवाचार को बढ़ावा देने वाले प्रतिभाशाली युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
मुफ्त लघुकालिक पाठ्यक्रम, सभी को अवसर
समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए अपग्रेड किए गए आईटीआई में मुफ्त लघुकालिक पाठ्यक्रम होंगे, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्र भी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण ले सकेंगे। अनुमान है कि इससे हर साल हजारों युवाओं को लाभ होगा, जो राज्य की आर्थिक प्रगति को गति देगा।
महाराष्ट्र के आईटीआई जब विश्वस्तरीय कौशल केंद्र बनेंगे, तो सरकार और निजी क्षेत्र की यह साझेदारी व्यावसायिक शिक्षा में एक नए युग की शुरुआत करेगी – जो युवाओं के लिए बेहतर अवसर और उद्योगों के लिए मजबूत कार्यबल सुनिश्चित करेगी।