Skip to content

NEP 2020 की व्यापक समीक्षा: Multilingual Textbooks और Vocational Education से स्कूली शिक्षा में आ रहा क्रांतिकारी बदलाव

भारत की National Education Policy (NEP) 2020 को लागू हुए लगभग पांच वर्ष हो चुके हैं। इस अवधि में शिक्षा मंत्रालय ने नीति की Implementation Status Review करते हुए दो प्रमुख क्षेत्रों – Multilingual Textbooks और Vocational Education Integration – में उल्लेखनीय प्रगति को चिन्हित किया है। यह समीक्षा दर्शाती है कि भारत का स्कूल शिक्षा तंत्र अब पहले से कहीं अधिक समावेशी, कौशल-आधारित और बहुभाषी बनता जा रहा है।


NEP 2020 को भारत में शिक्षा की गुणवत्ता, समानता और उपयोगिता को सुधारने के उद्देश्य से लाया गया था। इसका फोकस है:

  • Foundational Literacy & Numeracy (FLN)
  • Multilingual Education
  • Vocational Integration
  • Experiential & Skill-based Learning
  • Flexibility in Curriculum
  • Technology Integration
  • Teacher Training & Continuous Professional Development

NEP 2020 के अनुसार, प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा 1 से 5) तक Mother Tongue या Regional Language में पढ़ाई की सिफारिश की गई है। इससे छात्रों की समझने की क्षमता, सीखने की गति, और अभिव्यक्ति में सुधार होता है।

अब तक की उपलब्धियाँ:

  • NCERT ने कक्षा 1–10 तक की प्रमुख Textbooks का अनुवाद 22 भाषाओं में कर लिया है।
  • कई राज्य बोर्डों ने State Curriculum Textbooks को भी अपने क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराया है।
  • Digital Platforms (DIKSHA, ePathshala) पर Multilingual E-Content Upload किया गया है।
  • AI Tools जैसे Bhashini और भाषांतर API का प्रयोग करके अनुवाद की गति और गुणवत्ता को बढ़ाया गया है।
  • Tribal और Remote क्षेत्रों में Local Dialects में Supplementary Material उपलब्ध कराए गए हैं।

NEP 2020 के अनुसार, शिक्षा का उद्देश्य केवल अकादमिक डिग्री तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसमें 21st Century Skills, Creativity, Entrepreneurship, और Real-World Application को भी शामिल करना चाहिए।

प्रमुख बदलाव और पहलें:

  • कक्षा 6 से 12 तक छात्रों को 2–3 प्रकार के Skill Modules पढ़ाए जा रहे हैं, जैसे:
    • Artificial Intelligence (AI)
    • Data Entry & Computer Fundamentals
    • Agriculture & Food Processing
    • Electrician & Electronics
    • Beauty & Wellness
    • Tourism & Hospitality
    • Handicrafts & Local Trades
  • NSDC (National Skill Development Corporation) के माध्यम से स्कूलों में Vocational Trainers नियुक्त किए गए हैं।
  • Local Industries और ITI/Polytechnic Institutes के साथ साझेदारी कर छात्रों को Internship Opportunities दी जा रही हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में Community Participation Model अपनाया गया है जिसमें Local Artisans बच्चों को Skills सिखा रहे हैं।

NIPUN Bharat Mission के अंतर्गत कक्षा 3 तक के बच्चों को Basic Reading, Writing और Arithmetic Skills प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी सफलता के लिए शिक्षक प्रशिक्षण, पुस्तक वितरण, और टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग किया जा रहा है।


  • NAS (National Achievement Survey), PGI (Performance Grading Index) और UDISE+ Data के आधार पर राज्यों की प्रगति की निगरानी की जा रही है।
  • Holistic Progress Cards (HPCs) की शुरुआत की गई है जिससे छात्रों का मूल्यांकन केवल अंकों के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी अभिरुचि, दक्षता, सामाजिक कौशल और प्रयोगात्मक क्षमता के आधार पर भी किया जा सके।

  • हर राज्य में Continuous Teacher Professional Development (TPD) शुरू किया गया है।
  • शिक्षकों के लिए Digital Courses, Webinars, और E-Certification Programs संचालित किए जा रहे हैं।
  • School Leadership Training पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि स्कूलों में NEP को सही ढंग से लागू किया जा सके।

NEP 2020 ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान से परे ले जाकर प्रयोगात्मक, रोजगारोन्मुखी और समावेशी बनाया है, बल्कि इसे भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी तैयार कर दिया है।

Multilingual Textbooks से जहां शिक्षा में भाषाई विविधता का स्वागत हुआ है, वहीं Vocational Education के एकीकरण से छात्रों को अब स्कूल स्तर पर ही कौशल विकास के अवसर मिल रहे हैं। इससे न केवल Dropout Rates में गिरावट आएगी, बल्कि Employability और Entrepreneurship को भी बढ़ावा मिलेगा।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *