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Nikhil Kamath का Lifelong Learning पर ज़ोर – बदलते दौर में डिग्री नहीं, निरंतर सीखना है असली कुंजी

आज की तेज़ी से बदलती दुनिया में शिक्षा और करियर की परिभाषा लगातार बदल रही है। ऐसे समय में Zerodha के सह-संस्थापक और भारत के सबसे युवा सेल्फ-मेड अरबपति Nikhil Kamath ने जो विचार रखे हैं, वे न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि भारत की नई पीढ़ी के लिए दिशा-दर्शक भी हैं। उनका मानना है कि “अब चार साल की डिग्री काफी नहीं है, Lifelong Learning ही असली सफलता की कुंजी है।”
कौन हैं Nikhil Kamath?
- जन्म: 5 सितंबर 1986, बेंगलुरु, कर्नाटक
- शिक्षा: उन्होंने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और औपचारिक डिग्री कभी नहीं ली
- करियर की शुरुआत: एक कॉल सेंटर में नौकरी से की
- उपलब्धि: Zerodha (स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) के को-फाउंडर, True Beacon और Gruhas के सह-संस्थापक
- पहचान: Forbes के अनुसार, भारत के सबसे युवा अरबपतियों में शामिल
- विशेषता: औपचारिक शिक्षा से दूर रहकर भी उन्होंने व्यावहारिक ज्ञान, सतत सीखने और नवाचार के बल पर सफलता प्राप्त की

Nikhil Kamath की Lifelong Learning पर सोच
Nikhil Kamath का कहना है:
“हमें यह समझना चाहिए कि कॉलेज डिग्री एक शुरुआत मात्र है, न कि अंत। सीखना बंद करना अपने विकास को रोकना है।”
उनका मानना है कि आज के ज़माने में:
- टेक्नोलॉजी हर 6 महीने में बदलती है, तो आप एक ही ज्ञान पर कैसे टिके रह सकते हैं?
- AI, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचेन जैसे क्षेत्र हर रोज़ नई माँगें पैदा कर रहे हैं
- कंपनियां अब सिर्फ डिग्री नहीं, उपयोगी स्किल्स और समस्या सुलझाने की क्षमता देखती हैं
उन्होंने खुद कैसे अपनाया Lifelong Learning?
- वे रोज़ाना पढ़ने, सुनने और निवेश की दुनिया को समझने में समय लगाते हैं
- उन्होंने अनौपचारिक लर्निंग (पॉडकास्ट, वीडियो, बातचीत) से खुद को लगातार अपडेट रखा
- Zerodha को इस तरह डिज़ाइन किया कि वह शिक्षा और फाइनेंशियल लिटरेसी को एक साथ जोड़ सके
भारत की युवा पीढ़ी के लिए क्या संदेश है?
Nikhil Kamath के अनुसार:
- Formal डिग्री अब पर्याप्त नहीं – अब self-learning और continuous upgrading ज़रूरी है
- डिग्री के बाद सीखना रुकता नहीं, शुरू होता है
- कोर्स, ट्रेनिंग, ऑनलाइन लर्निंग और माइक्रो स्किल्स ही भविष्य की ज़रूरत हैं
- अपने करियर के हर स्टेज पर नए स्किल सीखना आपकी मजबूरी नहीं, आपकी ताकत होनी चाहिए
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में भी है Lifelong Learning का स्थान
भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, स्किल-बेस्ड एजुकेशन, और लचीली लर्निंग की बात की गई है। यह नीति भी इसी दिशा में काम कर रही है कि शिक्षा जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया हो, न कि एक सीमित डिग्री तक सीमित।
Skill Development और डिजिटल दुनिया में बढ़ते अवसर
- आज युवाओं के पास Coursera, Udemy, Skill India, NSDC, NPTEL जैसे प्लेटफॉर्म्स हैं
- एक व्यक्ति Data Analyst, Web Developer, AI Engineer, या Entrepreneur बन सकता है बिना किसी फॉर्मल डिग्री के
- कंपनियाँ आज जिन्होंने क्या सीखा है से ज़्यादा जो कर सकते हैं उस पर ध्यान देती हैं
Nikhil Kamath का Lifelong Learning पर दिया गया संदेश केवल विचार नहीं, बल्कि आज की दुनिया में सफलता का वास्तविक फॉर्मूला है। अगर कोई औपचारिक डिग्री के बिना भी अरबपति बन सकता है, तो यह सबको यह सिखाता है कि सीखना कभी बंद नहीं होना चाहिए। शिक्षा अब केवल स्कूलों और कॉलेजों तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन का हिस्सा बन चुकी है – और यही भविष्य है।
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