प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): 10 वर्षों में 1.6 करोड़ युवाओं को मिला प्रशिक्षण, नए भारत के निर्माण में अहम भूमिका

नई दिल्ली, 28 जुलाई 2025 – भारत सरकार द्वारा युवाओं को कौशलयुक्त और रोज़गार-योग्य बनाने हेतु वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) ने अपने दस वर्षों के सफल संचालन में एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। अब तक इस योजना के माध्यम से देशभर में 1.6 करोड़ से अधिक युवाओं को विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उनके रुचि और क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण देकर रोज़गार या स्वरोज़गार के लिए तैयार करना है। योजना के अंतर्गत युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण, प्रमाणन और रोज़गार से जुड़ाव जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।

इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें पारंपरिक शिक्षा से वंचित या अल्पशिक्षित युवाओं को भी उनके पिछले अनुभवों (Recognition of Prior Learning) के आधार पर प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान किया गया है।

  • 1.6 करोड़ से अधिक प्रशिक्षित युवा
  • 1.29 करोड़ से अधिक प्रमाणित लाभार्थी
  • देशभर में हजारों प्रशिक्षण केंद्र स्थापित
  • महिलाओं, ग्रामीण युवाओं और अल्पसंख्यकों को विशेष प्राथमिकता
  • एआई, डेटा एनालिटिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, रोबोटिक्स जैसे आधुनिक क्षेत्रों को जोड़ा गया
  1. शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग (STT): 3–6 महीने की प्रशिक्षण अवधि, जिसमें प्रैक्टिकल के साथ सैद्धांतिक ज्ञान भी शामिल होता है।
  2. Recognition of Prior Learning (RPL): जिन युवाओं के पास पूर्व अनुभव है, उन्हें परीक्षण के बाद प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
  3. कस्टमाइज्ड प्रोजेक्ट्स: उद्योगों की मांग के अनुसार विशेष प्रशिक्षण प्रोजेक्ट्स की शुरुआत।

योजना के अंतर्गत लाखों युवाओं को विभिन्न कंपनियों, स्टार्टअप्स और एमएसएमई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिले हैं। योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोज़गार के लिए मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता से भी जोड़ा गया है।

सरकार द्वारा राज्यवार रोज़गार मेलों (Rozgar Melas) और अप्रेंटिसशिप कार्यक्रमों के माध्यम से भी युवाओं को काम के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

PMKVY का एक अहम पहलू इसकी समावेशी नीति है। विशेषकर महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय और पिछड़े वर्गों से जुड़े युवाओं को इस योजना के तहत आसान पहुंच, प्रशिक्षण और प्रमाणन की सुविधा दी गई है।

PMKVY के चौथे चरण में सरकार ने टेक्नोलॉजी आधारित कौशल पर अधिक बल दिया है। अब युवाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), ब्लॉकचेन, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे भविष्य के क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

साथ ही, Skill India Digital Hub जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए रजिस्ट्रेशन, प्रशिक्षण, मूल्यांकन और रोज़गार की प्रक्रियाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया गया है।

हालांकि योजना के पहले कुछ चरणों में रोज़गार प्राप्त करने की दर (Placement Rate) अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाई, लेकिन सरकार ने इस पहलू को मज़बूती से संबोधित करते हुए उद्योगों के साथ तालमेल, प्रशिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार और ज़मीनी स्तर पर निगरानी बढ़ाने जैसे कदम उठाए हैं।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना ने न केवल बेरोजगारी की चुनौती से निपटने में मदद की है, बल्कि एक आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) की नींव रखने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अगले चरण में सरकार का लक्ष्य हर ज़िले में एक “Skill Hub” बनाना है, जहां स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण और रोज़गार के अवसर प्रदान किए जा सकें।


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